Thursday, 3 September 2015

Dadich77-RMD Super Shortcut Trick for Competitive Maths in Hindi

SSC CGL मुख्य परीक्षा का प्रवेश द्वार : क्वांट क्विज

समय और काम के प्रश्नों को हल करने के लिए कुछ टिप्स और ट्रिक्स

महत्वपूर्ण तथ्य
1. यदि A किसी कार्य को n दिने में करता है तो A का एक दिन कार्य = 1/n  
 2. यदि A का 1 दिन का कार्य = 1/n तब A किसी कार्य को एक में पूरा कर सकता हैl
उदाहरण: यदि A किसी कार्य को 4 दिन में करता है, तब A का एक दिन का कार्य = 1/4 l यदि A का 1 दिन का कार्य = 1/5, तब A किसी कार्य को 5 दिन में पूरा कर सकता है l         
 3. यदि A की कार्य को B की अपेक्षा 3 गुना तेजी से करता है : A और B के कार्य का अनुपात = 3 : 1, कार्य को पूरा करने में A और  B द्वारा लिए गए समय का अनुपात है =1:3   

4. यदि कोई M1 व्यक्ति, ‘W1’ कार्य को ‘D1’ दिन में कर सकता है और M2 व्यक्ति, W2कार्य को D2 दिन में करता है, तब हमारे पास एक सामान्य सूत्र है D1 W2 = M2 D2 W1 उपरोक्त सूत्र को हम आधारभूत और सभी में एक सूत्र के रूप में ले सकते है l हमें ये भी प्राप्त होता है
A) अधिक पुरुष कम दिन और इसके विपरीत अधिक दिनों कम पुरुष
B) अधिक पुरुष अधिक कार्य और इसके विपरीत अधिक पुरुष अधिक कार्य     
C) अधिक कार्य अधिक दिन और इसके विपरीत अधिक कार्य अधिक दिन  

5. यदि हम दो समूहों के  कार्य के घंटो को सम्मिलित कर ले (जिसे T1 और  T2 कहते है) तब सम्बन्ध है 
M1 D1 T1 W2 = M2 D2 T2 Q1
पुन: यदि दो समूहों के दो व्यक्तियों की कार्य क्षमता (जिसे E1 और E2 कहते है) भिन्न है, तब सम्बन्ध है
M1 D1 T1 E1 W2 = M2 D2 T2 E2 W1
अब हमें आगे सरल से प्राम्भ करते हुए, कठिन और फिर अत्यंत कठिन प्रश्नों की और बढ़ना चाहिए l आज हम समय, गति और दुरी की आधारभुत अवधारणा को कवर करते हैं l विभिन्न प्रकार के प्रश्नों होंगे जो साधारण से जटिल होंगे l परन्तु यदि आप आधारभूत अवधारणा को जानते है तो आप को चिंता करने की आवश्यकता नहीं हैl    

6. विचरण (Variation) की परिभाषादो विभिन्न चरों में होने वाला परिवर्तन एक निश्चित नियम का पालन करता है, यह कहा जाता है कि दो चर प्रत्यक्ष या विपरीत रूप से भिन्न है।  
इसका अंकन है X/Y=k, जहाँ k स्थिरांक है l इस परिवर्तन को प्रत्यक्ष विचरण कहते है  lXY=k इस परिवर्तन को विपरीत विचरण (Variation) कहते हैं l       

7. विचरण के कुछ युग्म :  
i) श्रमिकों की संख्या और उन का पारिश्रमिक : यदि श्रमिकों की संख्या में वृद्धि होती है तो उनके कुल पारिश्रमिक में भी वृद्धि होती है l यदि कार्य के घंटो में कमी होती है, तो कार्य में भी कमी होगी l यदि दिनों के संख्या में वृद्धि होती है, तो कार्य भी अधिक होता है l इसलिए, यहाँ पर हमारे पास प्रत्यक्ष अनुपात या प्रत्यक्ष विचरण है l      
ii) किसी कार्य को करने के लिए आवश्यक श्रमिकों की संख्या और दिनों की संख्या, प्रत्यक्ष विचरण का उदाहरण है l यदि और अधिक पुरूषों लगाए जाएँ, तो उन्हें कम दिनों को आवश्यकता होगी और यदि कम कम पुरूष लगाये जाये तो अधिक दिनों की आवश्यकता होगी l
iii) आवश्यक काम के दैनिक घंटे और दिन के बीच एक प्रतिलोम अनुपात है l यदि दिनों की संख्या में वृद्धि की जाती है, तो कम दिनों की आवश्यकता होती है और यदि घंटों की संख्या के कटौती होती है, तो अधिक दिनों की आवश्यकता होती है l  

8. कुछ महत्वपूर्ण टिप्स :
अधिक पुरुष-कम दिन और इसके विपरीत अधिक दिन-कम पुरुष 
अधिक पुरुष-अधिक कार्य और इसके विपरीत अधिक कार्य-अधिक पुरुष   
अधिक दिन-अधिक कार्य और इसके विपरीत अधिक कार्य-अधिक दिन
दिए गये कार्य को पूरा करने में लगने वाला समय = कुल कार्य/एक दिन का कार्य l

इसलिए समूचित कार्य एक इकाई (unit) होगा, इसे करने के लिए कुछ दिनों की आवश्यकता होगी, जोकि एक दिन के कार्य का व्युत्क्रमी है l कई बार समय और कार्य की समय को आनुपातिक नियम से भी हल की जाती है ( पुरुष *दिन *घंटे)/कार्य दूसरी दशा में

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