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Monday, 17 May 2021

अक्षांश देशांतर नोट्स | Prepare Education Hub | By - Dinesh Sharma Geography

 अक्षांश देशांतर

·       पृथ्वी पर पृथ्वी के केंद्र किसी भी स्थान की मापी गई कोणीय दूरी इस स्थान का अक्षांश  कहलाती है इसे डिग्री, मिनट, सेकंड, में दर्शाया जाता है

·        इसकी कुल संख्या 179 होती है क्योंकि उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पर कोणीय दूरी का मापन नहीं होता है यह एक बिंदु के रूप में होते हैं इसलिए दोनों ध्रुव को घटा दिया जाता है इस प्रकार संख्या 179 मानी जाती है

·        इनकी आवश्यकता किसी भी स्थान की स्थिति यानी लोकेशन का निर्धारण करने के लिए पडी

·        उदाहरण- देश, राज्य, जिला, तहसील, स्थलआकृतियां ,इत्यादि की स्थिति का निर्धारण

 



अक्षांश रेखाएं


·         भू पृष्ठ पर विश्वत रेखा के उत्तर व दक्षिण में खींची गई समांतर रेखाओं को अक्षांश रेखा या अक्षांश वृत्त कहते हैं

·         अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 181 होती है उत्तरी गोलार्ध में साडे 23 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा तथा साडे 66 डिग्री उत्तरी अक्षांश को आर्कटिक व्रत के नाम से जाना जाता है

विशेषता

·       दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी को कटिबंध कहते हैं

·       दो अक्षांश रेखाओं के बीच में 111 किलोमीटर की दूरी होती है

·       111 किलोमीटर की दूरी 1 डिग्री में दर्शाई जाती हैं

·       अक्षांश रेखाएं पूर्ण वृत्त का निर्माण करती हैं

·       भूमध्य रेखा से धुर्व की ओर जाने पर अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी समान होती है लेकिन उनकी वर्तो के क्षेत्रफल में लगातार कमी आती है

·       सबसे बड़े व्रत का निर्माण भूमध्य रेखा के द्वारा किया जाता है

·        भूमध्य रेखा को विश्वत रेखा इसलिए कहा जाता है कि 21 मार्च व 23 सितंबर को सूर्य भूमध्य रेखा पर लंबवत चमकता है जिससे दिन रात की अवधि बराबर होती है रितु की समानता होती है दिन रात की अवधि के बराबर होने के कारण विश्व का निर्माण होता है ऐसा विश्व केवल भूमध्य रेखा पर ही बनता है इसलिए इसे विश्वत रेखा कहते हैं

देशांतर

·         भू पृष्ठ पर प्रधान यमोतर के पूर्व व पश्चिम में खींची गई लंबवत रेखा को देशांतर रेखा कहा जाता है

·         इनकी संख्या कुल 360 होती है

·         उनकी आवश्यकता समय की गणना के लिए पड़ी

·         दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी को गौर कहते हैं

·         अक्षांश व देशांतर रेखाओं के जाल को ग्रीड या मेस  कहते हैं

·         दो देशांतर रेखाओं के बीच में भूमध्य रेखा पर दूरी 111.32 किलोमीटर होती है जो ध्रुवों की ओर घटकर 0  हो जाती है

·         देशान्तर रेखा व्रत का निर्माण नहीं करती है यह अर्धवृत्त का निर्माण करती हैं पृथ्वी 24 घंटे में 360-degree घूम जाती है अतः 1 घंटे में 15 डिग्री घूम जाती है तथा 1 डिग्री देशांतर की दूरी तय करने में 60 9\15 = 4 मिनट का समय लेती है

·         0 डिग्री देशांतर के पूर्व में जाने पर समय आगे होता है जबकि पश्चिम में जाने पर समय पीछे होता है इसका प्रमुख कारण सूर्य का पूर्व में उदित होन

अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा

·         1884 में इसका निर्धारण वाशिंगटन में संपन्न एक सम्मेलन में किया गया

·         180 डिग्री पूर्व व पश्चिम देशांतर को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के नाम से जाना जाता है यह प्रशांत महासागर से बेरिंग जल संधि के समानांतर गुजरती है

इस रेखा का संबंध वार तिथि के निर्धारण से है इस रेखा को पूर्व की ओर पार करने पर 1 दिन कम करना पड़ता है जबकि पश्चिम की ओर जाने पर एक दिन जोड़ना पड़ता है