: सामाजिक
सुधार आंदोलन-1
प्रिय पाठकों
‘SSC CGL मुख्य परीक्षा का प्रवेश द्वार’ श्रृंखला को जारी रखते हुए, हम भारतीय इतिहास से सम्बंधित सामाजिक सुधार आंदोलन-1 उपलब्ध करा रहे हैं जोकि एसएससी और ऍफ़सीआई परीक्षा के सभी प्रतिभागियों के लिए मददगार हो सकती है।
क्रम संख्या
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सामाजिक सुधार
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स्थापना
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संस्थापक
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उद्देश्य
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1
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आत्मीय सभा
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1815-1828
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राजा राममोहन
राय |
हिन्दू समाज में सुधार करना
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2
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वहाबी आंदोलन
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1820-1828
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राय बरेली के सयैद अहमद
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वलीउल्ला की शिक्षाओं को लोकप्रिय करना; धर्म में व्यक्तिगत विवेक की भूमिका पर बल देना l
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3
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ब्रहम समाज
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1828
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राजा राम मोहन राय, केशब चन्द्र सेन, देबेन्द्र नाथ टगोर
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मानवीय गरिमा पर बल देना और सती प्रथा जैसे कुरीतियों को दूर काना
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4
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युवा बंगाल आंदोलन
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1826-1832
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हेनरी विवियन देरोजियो
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समाज में व्याप्त कुरीतियों का विरोध किया; सत्य, स्वतंत्रता और तर्क में विश्वास; और सामाजिक सुधार
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5
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धर्म सभा
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1830
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राधा कांता देवा
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उदारवादी और कट्टरपंथी सुधारों का विरोध सती प्रथा सहित अन्य सुधार l
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6
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कुका/नामधारी आंदोलन
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1841-1871
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बही बालक सिंह और बाबा राम सिंह
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सिख धर्म के सच्ची भावना को फैलाना और जाती प्रथा का विरोध करना l
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7
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प्रार्थना समाज
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1867
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डॉ. आत्माराम पांडुरंग
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हिन्दू धार्मिक विचारों में सुधार और आधुनिक शिक्षा का प्रचार
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8
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भारतीय सुधार संस्था
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1870
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केशब चन्द्र सेन
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बाल विवाह का विरोध विवाह का ब्रहम रूप (सिविल) को वैध बनाना और बोधिक और सामाजिक सेवाओं को बढावा देना
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9
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आर्य समाज
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1875
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स्वामी दयानंद सरस्वती
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उत्तर भारत में धार्मिक सुधार करना
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10.
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थियोसोफिकल सोसाइटी
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1875
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मैडम H. P. बलावात्सकी (Blavatsky) & कर्नल H. S ओल्कोत्त (Olcott)
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हिंदू धर्म, डेक्कन पारसी धर्म और बौद्ध धर्म के प्राचीन धर्मों के पुनरुद्धार और मजबूत बनाने का समर्थक करना
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