Friday, 18 September 2015

Dadich77-RMD Super Shortcut Trick for साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज ट्रिक्स Competitive Maths in Hindi

साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज की अवधारणा और शोर्ट ट्रिक्स

साधारण ब्याज 

मूलधन (Principal) – वह धन जो कुछ निश्चित समय अवधि के लिए उधार दी या ली जाती है, उसे मूलधन कहते है l   
ब्याज : किसी धन को उपयोग के एवज में जो राशी दी जाती है उसे ब्याज कहते है l  
यदि किसी निश्चित अवधि के लिए उधार ली गई राशि पर ब्याज समान रूप से गिना जाता हैतो यह साधारण ब्याज कहा जाता है।


















इसे इसप्रकार से लिखा जाता सकता है : 
मूलधन = P, दरRate = r % वार्षिक (p.a.) और सामान्य सामान्य = t वर्ष
 
















चक्रवृद्धि ब्याज
चक्रवृद्धि ब्याज लागू किया होता है मूलधन और अर्जित ब्याज दोनों के भुगतान भुगतान पर l  
इसलिए एक वर्ष के लिए साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज समान होते है l  मान लो आपने बैंक में कुछ राशी जमा की जिस पर चक्रवृद्धि ब्याज अदा किया जाता है, तो आपको जमा की गयी राशी के साथ-साथ ब्याज की भी आदयगी की जाती है, इससे आपकी राशी पर साधारण ब्याज की तुलना में आपके निवेश के राशी तेजी से बढ़ती है l इसलिए प्रथम वर्ष के अंत (या समय में) में दी जाने वाली राशी अगले वर्ष का मिश्रधन बन जाती है और दुसरे वर्ष प्राप्त होने वाली राशी, तीसरे वर्ष का मूलधन  बन जाती है l

मिश्रधन  =  मूलधन + ब्याज 

A= मिश्रधन,
P= मूलधन,
r= दर  %,
n= वर्षों की संख्या 

























यदि विभिन्न वर्षो के लिए भिन्न-भिन्न दर हो जैसे कि क्रमश: पहले दुसरे और तीसरे वर्ष के लिए  1%, 2%, और 3% की दर तब 









दो साल के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज की अवधारणा के बीच अंतर

0 Comments:

Post a Comment