औसत पर आधारित अवधारणा और ट्रिक
औसत क्या है
एक औसत या अधिक सटीक रूप से एक अंकगणितीय माध्य, अपरिष्कृत अर्थ में ‘n’ संख्या का योग, जिसे n से विभाजित किया जाता है l
समूह के औसत को समूह में सम्मिलित सभी मदों और मदों की संख्या के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है l
औसत = (समूह के सभी मदों का योग)/समूह में मदों की संख्या
अब, सभी संख्याओं के योग में, ‘सेबों, लोगो इत्यादि की संख्या का योग किया जाता है,’ या, ‘मदों का मान जैस 2 रु. के 10 सिक्के इत्यादि सम्मिलित किये जाते हैं l
कुछ महत्वपूर्ण अवधारणायें
1. औसत = कुल आंकड़े/आंकड़ो की संख्या
2. यदि प्रत्येक मद का मान एक सामान मान से बढ़ता है, तब समूह की औसत या मदों में भी वृद्धि होगी l
3. यदि प्रत्येक मद का मान एक समान मान से घटता है, तो समूह की औसत भी कम हो जाएगी
4. यदि प्रत्येक मान को उसी मान से गुना करा जाये, तो समूह या मद का औसत भी aगुना करके प्राप्त किया जाता है
5. यदि प्रत्येक मद को उसी मद से गुना किया जाये, तो समूह या मद की औसत को a से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है l
6. यदि हम तो अलग अलग समूहों के औसत को जानते है, संयुक्त समूह के औसत ज्ञात नहीं कर सकते l
7. n प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1)/2
8. सम संख्याओं का औसत = (n+1)
9. विषम संख्याओं का औसत = n
10. समान्य सूत्र = (पहली + अंतिम संख्या)/2
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